राजस्थान की एकमात्र महिला भारत यात्री की विधानसभा चुनाव में अनदेखी करना पड़ सकता है भारी

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प्रतिनिधि :अब्दुल रहमान राजस्थान जयपुर

राजस्थान विधानसभा चुनाव में जनता की आवाज पर अपनी किस्मत आजमाने जा रही महिला भारतयात्री व AICC अल्पसंख्यक विभाग की नेशनल वाईस चेयरमैन रूबी खान की अनदेखी करना कांग्रेस पार्टी के लिए भारी झटके से कम नहीं होगा। याद रहे रूबी खान भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की पदयात्रा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र आयरन लेडी थी जिसे पूरे भारत में जनता ने पदयात्रा करते हुए देखा। तरह-तरह के हादसे होने के बावजूद भी लगातार उन्होंने अपनी यात्रा को मुकम्मल तौर पे अंजाम तक पहुंचा कर राहत ली। क्या राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधान सभा चुनाव में अनदेखी करके पार्टी अपनी जीत का जश्न मना पाएगी इस तरह के सवाल हवा महल सीट से जनता के मुंह से सुनने को मिल रहे हैं। वहीं राजनीतिक गलियारे में कांग्रेस पार्टी के द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को टिकट देने की चर्चा जोरों पर है लेकिन क्या जनता की आवाज और मांग के प्रतिकूल प्रत्याशी भेज कर उसे प्रत्याशी को जीतने की जिम्मेदारी जनता पर थोपना भारी पड़ सकता है? जनता एक बाहरी प्रत्याशी को जीता पाएगी? जनता में इस बात की चर्चा है कि यदि कांग्रेस पार्टी हवा महल की सीट किसी ब्राह्मण की झोली में डालने की कोशिश करती है तो उसे हार का सामना करना पड़ेगा । वही बाजारों में इस बात की भी चर्चा सामने आई है कि कांग्रेस पार्टी इस सीट पर आर आर तिवारी का नाम ला रही है ,वही जनता का कहना है कि यदि कांग्रेस पार्टी को यहां जीत पक्की करनी है तो तिजारा की तर्ज पर यहां पर भी टिकिट वितरण किया जाना सुनिश्चित करें, तो जीत पक्की हो सकती है। साथ ही लोगों का कहना है कि रूबी खान एक साफ छवि वाली महिला है जिनका संघर्ष पूरे देश की जनता ने यात्रा के दौरान देखा था लेकिन अब वक्त आया है जब राजस्थान की जनता उनके संघर्ष का योगदान राजस्थान में देखना चाहती है।ऐसे में सवाल पैदा होता है कि क्या कांग्रेस पार्टी टिकट वितरण करने में जनता के मानस को पूरी तरह पढ़ने या समझ पाने में विफल रही है । वहीं लोगों का कहना है कि जहां जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं होता है वही पार्टी को भारी खामियाजा भुगतना पड़ता है। ऐसे में जनता सवाल उठा रही है कि क्या कांग्रेस इस सीट पर अपनी जीत बिना जनता के सहयोग के कैसे पक्की कर पाएगी? क्या कॉन्ग्रेस पार्टी इस मामले में एक बार फिर से विचार करेगी?

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