प्रतिनिधि अब्दुल रहमान राजस्थान
विजयनगर:आज देश भर में 78वां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के रूप में मनाते हुए तथा एक दूसरे को बधाई देते हुए लोगों को देखा गया। वही एक बालिका विद्यालय जहां बालिकाओं के बैठने की व्यवस्था से लेकर अध्यापकों का अभाव है। जो लंबे समय से परेशानियों से लगातार जूझ रहा है। लेकिन स्थानीय विधायक वीरेंद्र सिंह कानावत का ध्यान इस और कब जा पाएगा। किसी ने खूब ही अच्छा कहा है कि तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती है। देखिए इन तस्वीरों को जो आपके टीवी स्क्रीन पर दिखाई दे रही है। क्या आप इन तस्वीरों को देखकर कुछ समझ पा रहे हैं। और नहीं समझ पा रहे है तो हम बता देते हैं। यह तस्वीर ब्यावर जिले के विजयनगर कस्बे के वार्ड नंबर 33 के बालिका विद्यालय की है जो दिखाई दे रही है। एक तरफ यह तस्वीर तो दूसरी तरफ हमारे देश के प्रधानमंत्री के का दिया हुआ नारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,, दर्शकों यह फैसला हमने आप पर छोड़ा है कि प्रधानमंत्री के द्वारा दिया गया नारा और बच्चियों को सीढ़िया पर बैठे हुए देखकर आपको क्या लगता है। सीडीओ पर बैठने वाले बच्चियों को बैठने के लिए कमरे कम पड़ रहे हैं और ना कोई हल की व्यवस्था है। और जहां यह 15 अगस्त पर स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया है यह भी सामुदायिक भवन है जो ठीक स्कूल से सटा हुआ है। और जहां कार्यक्रम की बच्चियों को तैयारी करनी होती है वह स्नानागार है। विद्यालय की हालत देखकर नहीं लगता है ऐसे कई बालिका विद्यालय होंगे जिनकी हालत ऐसी ही होगी। इन हालात के लिए क्या आपको नहीं लगता कि सरकार की दोहरी नीतियों के कारण ऐसी स्थिति बनी हुई है जहां एक तरफ हमारी सरकार बेटी पढ़ाने की बात करती है , वहीं दूसरी तरफ हालत यह है कि कहने को तो सीनियर गर्ल स्कूल है लेकिन हकीकत यह है कि यहां ना तो बच्चियों के बैठने के लिए कमरों की समुचित व्यवस्था है क्या सरकार को नहीं लगता है कि बालिका विद्यालय के लिए कहीं अन्य जगह पर जमीन देकर बच्चियों के भविष्य को संवारने में आगे जाकर सहयोग करना चाहिए। लोगों का कहना है कि इस विद्यालय में ना ही महिला शिक्षिका का स्टाफ पूरा है। शिक्षिकाएं नाम मात्र है जिन बालिकाओं को शिक्षा से सफलता की सीढ़िया पर चढ़ते हुए भविष्य की मंजिल तय करना है,वह आज सीढ़िया पर बैठने पर मजबूर है, ऐसा क्यों ? सरकार के द्वारा दिए गए केवल नारों से भला होने वाला नहीं है, भला तो जब होगा इन बेटियों का जब इन्हें समुचित व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाए? लेकिन यह व्यवस्था कौन करवाएगा? सवाल कही है जिनका जवाब सरकार को देना होगा। सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती, बालिकाओं के भविष्य के साथ हो रही खिलवाड़ के लिए कौन है जिम्मेदार,स्थानीय लोगों ने बताया है कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में विधायक रह चुके राकेश पारीक से लेकर वर्तमान विधायक वीरेंद्र सिंह कानावत को इस मामले के बारे में अवगत कराया जा चुका है लेकिन अभी तक बालिकाओं के बैठने के लिए उचित व्यवस्था नहीं हुई है और ना कोई जमीन की व्यवस्था,स्थानीय लोगों की मांग है कि राज्य की भजनलाल सरकार इन तस्वीरों को देखकर बालिकाओं के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ से बाहर निकाल पाएगी