साइबर ठगी करने वालों ने बनाया एक-युवा को निशाना

क्राइम

प्रतिनिधि :अब्दुल रहमान राजस्थान

विजयनगर:साइबर ठगो के द्वारा ठगी का शिकार हुए अनवर मंसूरी नामक व्यक्ति ने स्थानीय थाना विजयनगर में पहुंचकर इस आशय की शिकायत पेश की है जिस पर कानूनी कार्यवाही का आश्वासन और जनता को सतर्क रहने की बात बताने के बजाय ठगी का शिकार हुए युवक को टोल फ्री नंबर 1039 पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराने की बात कही है। जिस पर युवक ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई। मामला 5 जून 2024 का है। ठगी का शिकार हुए अनवर हुसैन मंसूरी ने बताया है कि उसके फोन नंबर पर किसी ने दिन में 11:42 बजे 9279 649 440 से फोन कर उक्त व्यक्ति ने मुझे एयू फाइनेंस में कार्य करने का आश्वासन देते हुए कहा है कि आपके क्रेडिट कार्ड से₹25000 कट चुके हैं जिसका लिंक आपके मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप से भेजता हूं जिसे आप सबमिट कर लें जिससे कि आपका कटा हुआ पैसा₹25000 वापस आ जाएगा और जिसका लिंक युवक को व्हाट्सएप पर दूसरे मोबाइल नंबर से भेजा 9 494 90 4343 है। और उसकी प्रोफाइल पिक्चर पर लगा हुआ मोनोग्राम एयू स्मॉल फाइनेंस का लगा हुआ है। उक्त ठग ने पीडीएफ फाइल बनाकर लिंक भेजा उसे खोलकर सबमिट करने को बताया उसे दौरान उसे व्यक्ति ने ऑडियो कॉल से पीड़ित व्यक्ति को गाइड करता रहा जैसे ही लिंक खोलकर सबमिट किया वैसे ही उसके क्रेडिट कार्ड से तीन बार करके मात्र 2 मिनट के समय में 61740. 50 पैसे की ठगी का शिकार बना लिया गया। प्रथम बार 10265 .50 पैसे 11:49 25 सेकंड पर दूसरी बार 25737 रुपए 50 पैसे 11:51 मिनट 38 सेकंड तथा तीसरा अमाउंट भी 25737 रुपए 50 पैसे 11:52 21 सेकंड पर निकले, मात्र 2 मिनट में ही साइबर ठगने युवक को शिकार बना लिया। जिस तरह से देश भर में ठगी का शिकार हो रहे पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं साइबर तो की बल्ले बल्ले हो रही है। ऐसा ही कुछ नजर हाल ही में एक उद्योगपति के साथ हो चुका है मामला जयपुर का बताया जा रहा है। वैसे भी देखा जाए तो साइबर ठगी के मामले में राजस्थान पांचवें और छठे नंबर पर हैं। साइबर ठगी से संबंधित लगभग 85000 मामले चल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि साइबर तो के द्वारा की जा रही ठगी पर पूर्णतया विराम कैसे लगाया जा सके? जबकि राजस्थान पुलिस समय-समय पर सोशल मीडिया पर तो से सावधानी बरतने का संदेश देती रही है। जनता को इस मामले पर जागरूकता दिखाने के साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज करना चाहिए जिससे पुलिस कार्रवाई करने के साथ-साथ ही आम नागरिकों को सावधान और सतर्क रहने का समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक बना सके

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