मेडिकल कॉलेज को नई इमारत की प्रतीक्षा, 2015 से चल रहा निर्माणकार्य

एज्युकेशन

जिल्हा प्रतिनिधी:मोहम्मद नासिर चंद्रपूर

चंद्रपुर, बड़ी जद्दोजहद के बाद जिले में शुरू हुए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को अपनी स्थापना के 9 वर्ष बाद भी नई इमारत नसीब नहीं हुई है. वर्ष 2015 के शैक्षिक सत्र से प्रारंभ इस मेडिकल कॉलेज को इतने वर्षों बाद भी नई इमारत की प्रतीक्षा करनी पड़ रही है.औद्योगिक रूप से विकसित चंद्रपुर जिले में बढ़ती दुर्घटनाएं तथा लोगों में स्वास्थ्य संबंधी बढ़ी समस्याओं के मद्देनजर यहां सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को मंजूर किया गया और वर्ष 2015 से यहां चिकित्सा पाठ्यक्रम की पहली बैच शुरू की गई. 100 सीटों वाले इस मेडिकल कॉलेज के छात्रों के लिए टीबी हॉस्पिटल और महिला अस्पताल का कैंपस उपलब्ध कराया गया, साथ ही 650 बिस्तरों के मेडिकल अस्पताल के लिए जिला अस्पताल की इमारत डीएमईआर को सौंपी गई.मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की नई इमारत स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से बल्लारपुर बायपास मार्ग पर 100 एकड़ की जमीन आवंटित की गई, इस जमीन पर पिछले 9 वर्ष से मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, छात्रावास, सरकारी क्वार्टर्स आदि का निर्माणकार्य चल रहा है. 132103 वर्ग मीटर का यह 6 मंजिला मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निर्माणकार्य कभी सरकारी निधि के अभाव में तो कभी कंस्ट्रक्शन कंपनी की लेटलतीफी के कारण अभी तक पूर्ण नहीं हो सका है. हालांकि इस कंपनी को यह निर्माणकार्य 2020 केअंत तक ही पूर्ण किया जाना था. इस बीच कोविड महामारी के दौरान भी यह निर्माणकार्य 2 वर्ष तक प्रभावित हुआ था.उल्लेखनीय है कि, यह जिला औद्योगिक रूप से विकसित है. जिले में बिजली, कोयला, सीमेंट, कागज, स्टील जैसे उद्योग स्थापित है. उद्योगों के कारण यहाँ दुर्घटनाओं का सिलसिला शुरु रहता है, उद्योगों के कारण होने वाले प्रदूषणों से भी जिले के जनजीवन के स्वास्थ्य पर विपरीत असर होता है, यहां के मरीजों को अच्छे इलाज के लिए हमेशा नागपुर या हैदराबाद जैसे शहरों की ओर भागना पड़ता है, इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यहां गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जरूरत को समझते हुए उसकी मंजूरी प्रदान की गई थी.एक सर्वेक्षण के मुताबिक इस जिले में प्रतिवर्ष अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों की संख्या पर अगर गौर किया जाए तो पता चलता है कि, जिले में प्रतिवर्ष 50 हजार के करीब मरीज सरकारी अस्पताल में दाखिल होते है. वर्ष 2019 में कुल 51245 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए थे, वर्ष 2020 में 47971 जबकि 2021 में 44440 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए थे.जिले में ओपीडी (बाह्य मरीज) में स्वास्थ्य दिखाने आने वाले मरीजों की संख्या भी प्रतिवर्ष 2.50 लाख की है. इसी सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2019 में सरकारी अस्पताल में आये ओपीडी मरीजों की संख्या 256837 थी, 2020 में यह संख्या 286406 थी जबकि 2021 में 193454 मरीज सरकारी अस्पताल के ओपीडी कक्ष में स्वास्थ्य दिखाने पहुंचे थे.

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