पत्रकारों की सुरक्षा व सम्मान को लेकर राज्य मंत्री ने पुलिस निदेशक को लिखा पत्र

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प्रतिनिधि :अब्दुल रहमान राजस्थान जयपुर

राजस्थान सरकार में राज्य मंत्री कार्यालय ग्रह गोपालन पशुपालन एवं डेरी मत्स्य विभाग ने 7 मार्च 2024 को राजस्थान पुलिस महानिदेशक के नाम पत्र लिखते हुए पीड़ा को समझने का परिचय दिया है।इसी का उदाहरण देखने को यहां मिल रहा है।जवाहर सिंह बेदम ने पत्रकारों के द्वारा अपनी जान को जोखिम में डालते हुए सच्चाई से जनता को रूबरू करवाने का काम करते हैं जिससे उनकी जान का जोखिम बना रहने के बावजूद भी जनता को सच्चाई दिखाते हुए अपने कर्तव्य का पालन बखूबी से करते हैं वहीं सरकार को आईना दिखाने का काम भी करते हैं। कई मामले ऐसे होते हैं जिनकी वजह से (पत्रकारों)उनकी जान पर बन आती है। तथा कई मामलों में सच्चाई की जड़ खोज निकालने पर उन्हें दबंग लोगों से जान का खतरा भी बना रहने तथा सम्मान पर आंच आने के बावजूद भी लगातार अपने रण में पहाड़ की तरह खड़ा रहता है और अपने कर्तव्य के प्रति लगातार आगे बढ़ते हुए अपने फर्ज को अंजाम देता है। इन सभी बातों से आगे बढ़ते हुए हर उसे चीज को जनता के सामने लाने की कोशिश करता है जो उनसे कोसों दूर होती है। मंत्री ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखते हुए लिखा है कि भारतीय प्रेस पत्रकार संघ के द्वारा उन्हें आगा करवाया गया था जिसको लेकर उन्होंने गंभीरता से लिया है। ध्यान रहे कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और पत्रकारों की सुरक्षा एवं सम्मान व भय मुक्त पत्रकारिता को सहजता से निभाते रहे। स्वतंत्र पत्रकारिता की अनिवार्य शर्त है। जिसको बखूबी से निभा रहे हैं और निभाते आ रहे हैं इस संबंध में समस्त पुलिस आयुक्त गण जिला पुलिस अधीक्षक गण को तत्काल निर्देशित कर उनकी सुरक्षा व सम्मान की गारंटी प्रदान करवाने का आग्रह किया है। साथ ही मंत्री ने अधीनस्थ पुलिस चौकिया पुलिस थानों एवं अन्य पुलिस कार्यालय में आने वाले पत्रकारों को समुचित आदर सम्मान प्रदान किया जाने की वकालत भी की है। तथा पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा व सुरक्षा को प्राथमिकता से ध्यान में रखने की बात भी कही है। बेडम ने कहा है कि फील्ड में पत्रकारों के हितों का ध्यान रखा जावे यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी पत्रकार के साथ कोई घटना हो जाए तो संबंधित पुलिस अधिकारी कार्मिक गण पूर्ण सजगता एवं संवेदनशीलता से उसकी तत्काल संज्ञान लेकर समुचित विधि समझ कार्यवाही करें। पत्रकार अपनी जान को जोखिम में डालकर जनता के हितों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने की परवाह किए बगैर आगे बढ़ता ही जाता है। कई मामले तो ऐसे होते हैं जो पद और दबंगई के चलते हुए दफन कर दिए जाते हैं जिन्हें बाहर निकलने का काम और जोखिम उठाकर जनता के सामने लाने की कोशिश करता है। इनके कई बार पत्रकारों के साथ मारपीट कर उनके कमरे तक छीन लिए जाते हैं। कुल मिलाकर राजस्थान सरकार में राज्य मंत्री ने पत्रकारों की समस्याओं को समझते हुए जिस प्रकार से कदम उठाया गया है वह सराहनीय है। इस कदम से पत्रकारों में एक उम्मीद वह निर्भीकता को जन्म दे दिया है। मंत्री की इस पहल का सबसे पहले एचटी न्यूज़ इंडिया स्वागत करता है।

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