एसबीआई घुटनों के बल पर, मोदी सरकार को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, डाटा सार्वजनिक करें

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प्रतिनिधि :अब्दुल रहमान राजस्थान जयपुर

देश में राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे जोकि इलेक्ट्रोल बॉन्ड से एसबीआई बैंक के जरिए से विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को मिलता है। इलेक्ट्रोल बॉन्ड को लेकर देश भर में घमासान मचा हुआ है। देश भर के सोशल एक्टिविस्ट व विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को चंदे से मिलने वाले राशी को सार्वजनिक तौर पर पब्लिश करने की मांग की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए 6 मार्च तक एसबीआई बैंक को डाटा सार्वजनिक करने की हिदायत दी थी। जिस पर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने एडवोकेट सालवी के जरिए याचिका दायर करवाते हुए 30 जून 2024 तक का समय मांगा गया। एसबीआई के बैंक ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा है कि बॉन्ड खरीद करने वालों का डाटा कलेक्ट करने में समय लगेगा। एक्टर 30 जून का समय दिया जाने की मांग की , जिस पर सुप्रीम कोर्ट में समय देने से मना कर दिया। और सालवी को कहा कि इतना समय किस लिए चाहिए। सालवी ने कहा अभी दिया गया समय कम है। याद रहे सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 3 सप्ताह का समय दिया था। एसबीआई के तालम टोल के रवैया देखकर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। याद रहे इस मामले को लेकर कोर्ट पहुंच एडीआर ने याचिका दायर करवाते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि एसबीआई बैंक भारत का सबसे बड़ा बैंक है। और सभी बैंक के ऑनलाइन होने के बावजूद भी एसबीआई बैंक धूलमुल रवैया अपनाते हुए गुमराह करने की कोशिश कर रहा है यदि बैंक चाहे तो मात्र कुछ ही घंटे में डाटा चुनाव आयोग को मुहैया करवा सकता है लेकिन एसबीआई के द्वारा दिया गया 30 जून तक का समय बहुत लंबा हो जाता है और कितने लंबे समय लेकर एसबीआई बैंक किस बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव 2024 सामने दिखाई दे रहे हैं। इस मामले पर सी जे आई चंद्रचूड़ ने एसबीआई को फटकार लगाते हुए कहा है कि 30 जून तक का समय देने के बजाय तुम्हें 30 दिन का भी समय तो छोड़िए तो छोड़िए तुम्हें सिर्फ तीन दिन का समय भी नहीं बल्कि 12 मार्च 2024 यानी कि सिर्फ एक दिन का समय दिया जाता है। एसबीआई को निर्देशित हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 12 मार्च 2024 को एसबी आई डाटा तैयार कर चुनाव आयुक्त के हवाले कर दे और चुनाव आयोग 15 मार्च 2024 को 5:00 बजे तक अपनी वेबसाइट पर डाटा पब्लिश करें। यदि एसबीआई बैंक डाटा उपलब्ध नहीं करवाता है तो उसके खिलाफ अवमानना का चलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैया से एसबीआई बैंक इलेक्ट्रोल बॉन्ड के मामले को लेकर घुटने पर आता हुआ दिखाई दे रहा है वहीं मोदी सरकार भी पर मुसीबत के बादल मंडराते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं उन लोगों के नाम सार्वजनिक हो सकेंगे कि किसने पार्टी को कितना चंदा दिया है।

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