मातृवृक्ष बहुउद्देशीय शैक्षणिक सामाजिक संस्था द्वारा निबंध स्पर्धा व पुरस्कार वितरण समारोह

एज्युकेशन

प्रातीनिधी:अब्दुल कदीर बख्श हिंगणघाट

विश्व जल दिवस पर निबंध स्पर्धा का आयोजन

हिंगणघाट:मातृवृक्ष शैक्षणिक व सामाजिक संस्था तथा जी बी एम एम हायस्कूल व कनिष्ठ महाविद्यालय संयुक्त तत्वावधान मे विश्व जल दिन व वन दिवस पर विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस अवसर पर निबंध स्पर्धा ली गयी पूर्व माध्यमिक विद्यार्थ्यीयो के लिए..जल ही जीवन है तथा उच्च माध्यमिक विद्यार्थ्यीयो के लिए ‘ जल सुरक्षा – जवाबदारी व समृद्ध भविष्य ‘ विषय पर 175 प्रतियोगीयो ने इसमें हिस्सा लिया। जी बी एम एम हायस्कूल में आयोजित पुरस्कार वितरण में कार्यक्रम की अध्यक्षता मातृवृक्ष संस्था सचिव किशोर उकेकर ने की .प्रमुख अतिथी के रुप जी बी एम एम हायस्कूल के उपमुख्याध्यापक एम एस.कुरेशी पर्यवेक्षक संजय तराळे शिक्षिका राऊत मॅडम व मातृवृक्ष संस्था के उपाध्यक्ष डॉ. अनिस बेग मंच पर उपस्थित थे।. निबंध स्पर्धा वर्ग ५ ते ८ में प्रथम पुरस्कार प्रज्वल भालचंद्र हेडाऊ द्वितीय पुरस्कार वनश्री निलेश जीवने तृतीय पुरस्कार जिनत हमेरा वहाब खान पठाण को प्राप्त हूआ।प्रोत्साहन पुरस्कार कनक महेंद्र कटारे संयम सेवक दास जारुंडे को मिला। कक्षा ९ वी व ११ वी में प्रथम पुरस्कार श्रद्धा एस तिवारी द्वितीय पुरस्कार योगेश्वरी हेमंत डेकाटे और तृतीय तृतीय पुरस्कार अक्षरा ताराचंद खंडाले विद्याको मिला । प्रोत्साहन पुरस्कार कशिश यादव व शमाबानू शमशुल हक ने प्राप्त किया। उपमुख्यध्यापक एम एस कुरैशी ने कहा कि, जल संरक्षण के मुद्दे पर पुरा विश्व एकजुट है, क्योंकि जल ही जीवन है और यह जीवन जीने के लिए बुनियादी आवश्यकता है। लेकिन इसके बावजूद पानी का व्यर्थ बहाव, इस ओर इशारा करता है कि हम अब भी उसके असली महत्व को समझ नहीं पाए हैं। मातृवृक्ष बहुउद्देशीय शैक्षणिक, सामाजिक संस्था के सचिव किशोर उकेरकर ने कहा कि,प्रतिवर्ष जल संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां की जाती है। इस वर्ष हमने स्कुल , कालेज के विद्यार्थियों के लिए निबंध स्पर्धा का आयोजन किया है जिसे अभुतपूर्व सफलता मिली पर्यवेक्षक संजय तराळे ने कहा जल बचाने के लिए आवश्यक तकनीक व बारिश के पानी को संचित करने और उपयोग करने के लिए उपकरण के माध्यम से जल संकट को कम किया जा सकता है। वर्षा जल का संग्रहण सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए जरूरी है। सतह से बारिश के पानी को इकट्ठा करना बहुत ही असरदार और पारंपरिक तकनीक है। इससे छोटे तालाबों, भूमिगत टैंकों, बांध आदि के इस्तेमाल से जल संरक्षण किया जा सकता है। मातृवृक्ष संस्था के उपाध्यक्ष डॉ.अनिस बेग ने कहा जीबीएमएम हाईस्कूल व ज्यूनियर कालेज हमेशा से ही रचनात्मक आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है , समस्त टीचर्स व स्टाफ यहां होने वाले शैक्षणिक, सामाजिक गतिविधियों मे हरसभव सहयोग देते हैं।कार्यक्रम का संचालन त्रिरत्न नागदेवे ने कियादांडेकर मैडम, सौ ठाकरे ,सौ नियाजी ने सहयोग दीया।

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