*RTE 25% अधिनियम में बदलाव क्यों.*? -रविकुमार पुप्पलवार. शहर प्रतिनिधी नरेंद्र कांबळे बल्लारपूर बल्लारपूर शिक्षा का अधिकार यानी RTE कानून के तहत आठवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान है। इस संबंध में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 04 अगस्त 2009 को संसद में पारित किया गया था। महाराष्ट्र में प्रवेश प्रक्रिया इसी अधिनियम के तहत आयोजित की जाती थी, लेकिन अब पालको को काफी दुख झेलना पड़ रहा है, क्योंकि राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने RTE अधिनियम में बदलाव कर दिया है। नए नियमों के मुताबिक, अब एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी सरकारी, सहायता प्राप्त या गैर सहायता प्राप्त स्कूल में आरटीई के तहत प्रवेश दिया जाएगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों को निजी स्कूलों में 25% आरक्षित जगहों पर प्रवेश दिया जाता है। इसमें निजी अंग्रेजी स्कूल अधिक हैं। लेकिन महाराष्ट्र सरकार के बदले हुए शिक्षा के अधिकार (RTE) नियमों ने अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों में प्रवेश करना कठिन बना दिया है। बल्लारपुर शहर में भी RTE एक्ट में बदलाव को लेकर पालकों में कड़ी नाराजगी है. आम आदमी पार्टी के शहर अध्यक्ष रविभाऊ पुप्पलवार ने सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. पुप्पलवार जी का कहना है कि, एक तरफ सरकार सरकारी स्कूलों में सुधारों की अनदेखी कर रही है तो दूसरी तरफ गरीब वंचित तबके के बच्चों के निजी अंग्रेजी स्कूलों में दाखिले के अधिकार को भी खत्म कर रही है. रविभाऊ पुप्पलवार जी ने सभी पालको, सामाजिक संघठनों और राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील किया है कि, हमारे बच्चों के भविष्य को संज्ञान में लेते हुए इस गंभीर और महत्वपूर्ण मामले पर सभी ने एकजुट होकर आक्रामक रुख अपनाना चाहिए।

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