नक्शे से गायब ढाई बाई का तालाब

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प्रतिनिधि – अक्षय प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश

कानपुर के पतारा कस्बे में 700 वॉट पुराने तालाब को भूमाफिया मिटाना चाहते हैं बीते दिनों एसडीएम से ग्रामीणों ने शिकायत की थी, एसडीएम में तहसीलदार और एसीओ चकबंदी से जांच रिपोर्ट मांगी थी दो दिन बचने के बाद भी तहसीलदार जांच करने नहीं पहुंचे जिसमें ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।ग्रामीणों का आरोप है कि भू माफिया क को प्रभावित कर रहे हैं जिसके चलते अधिकारी मौके पर जांच करने नहीं पहुंच रहे हैं वह माफिया ने तालाब की नवाइयत बदल डाली है जांच में सच्चाई सामने आने के दर से भू माफिया तहसील में साठ-गठ करके जांच को प्रभावित कर रहे हैं।घाटमपुर थाना क्षेत्र के पटर कस्बा निवासी रामकुमार, मनोज, कृष्ण कुमार, धर्मेंद्र, राकेश, योगेंद्र, हरिशंकर, संजय नीरज, रामकुमार, सुरेंद्र समेत ग्रामीणों ने बताया कि पतारा कस्बा के तिलसाडा रोड पर स्थित देसी शराब ठेके के सामने लगभग 7 सौ वर्ष पुराना तालाब स्थित है क्या तालाब को मिटाना चाहते हैं। भीतर दोनों भू माफिया तालाब पर मिट्टी पुराई कर रहे थे जिसकी शिकायत उन्होंने घाटमपुर एसडीएम यादुवेंद्र सिंह वैश्य से करने के साथ कार्यवाही करने की मांग की है ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने कानपुर अभिलेखागार से पुरानी नकल निकलवाई है जिसमें वर्तमान में निकल रही खतौनी घाटा संख्या 2009 तालाब के रूप में दर्ज है लेकिन चकबंदी के दौरान भूमाफियाओं ने राजस्व कर्मियों की मिली भगत से कागजों में हेरा फेरी करके खतौनी में तालाब के स्थान पर खेत दर्द कर दिया गया है। घाटमपुर एसडीएम या दुर्वेंद्र सिंह वैश्य एसीओ चकबंदी और तहसीलदार से जांच रिपोर्ट मांगी है जांच रिपोर्ट के आधार पर वह माफिया पर कार्यवाही हो सकती है घाटमपुर एसडीएम योगेंद्र सिंह वैश्य ने बताया जाट में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी अगर किसी अधिकारी ने जांच में लापरवाही की तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी अभिलेखों के साथ हेरा फेरी हुई है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी। चकबंदी के दौरान भूमिया में तालाब की नवाइयत बदल डाली है पहले खतौनी में तालाब दर्ज था चकबंदी के दौरान राजस्व कर्मियों से सठघाट करते भू माफिया ने खतौनी से तलाक की नवाइयत बदल डाली है बाबा की भूमिया जांच प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। बंदी के पहले नशे में दर्द ढाई बाई का ताला भूमाफियाओं ने राजस्व कर्मियों की मिली भगत से चकबंदी के दौरान बने फाइनल नशे से भी गायब कर दिया है नशे में ढाई बीघा खेत दिखाई दे रहा हैं जबकि हकीकत में यहां पर ढाई बीघा तालाब स्थित है भू माफिया जांच को प्रभावित करके तालाब का अस्तित्व समाप्त करना चाहते हैं। यहां पर तालाब में शिरोमणिपुर, धरमंगदपुर,गौरनपुर गांव समेत पतारा कस्बे का पानी इसी तालाब में जाता है तालाब में मिट्टी पुराई होने से चार गांव की जल निकासी की समस्या उत्पन्न होगी गर्मी के दिनों यह तालाब थोड़ा सूख जाता है बाकी दिनों में तालाब पुरा पानी से भर जाता है तालाब पुराई का विरोध कर गांव के ग्रामीण कर रहे हैं।

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