प्रतिनिधि: अब्दुल रहमान राजस्थान
ब्यावर मामला नवगठित जिला ब्यावर के विजयनगर कस्बे का है। घटनाक्रम 26 मई 2024 सुबह करीब 10:30 बजे के पास का बताया जा रहा है। प्रार्थी धनंजय शर्मा पुत्र महावीर प्रसाद शर्मा उम्र 19 वर्ष जाति ब्राह्मण निवासी चौसला विजयनगर ने बताया है कि उनके साथ कुछ लोगों ने जबरदस्त मारपीट की जिसकी शिकायत उन्होंने विजयनगर थाने पहुंचकर दी। मामला इतना भयावह था जिसे राह में चलते हुए कई लोगों ने देखा। आरोपी पीड़ित परिवार को लाठी डंडों और सरियों से दौड़ा दौड़ा कर उन्हें पीटते रहे, यह घटना उस समय की बताई जा रही है जब पीड़ित व्यक्ति वह उसके परिवार के अन्य व्यक्ति उसे अस्पताल ले जा रहे थे। उससे पहले की उत्पतियों ने जमकर चौसला में उत्पाद मचाया उत्पाद में महिला रोते बिलखते हुए भी सोशल मीडिया पर देखी जा सकती है। जो आरोपियों से बचाव के लिए मदद की गुहार लगाते हुए देखी जा रही है कि कोई आए और उन्हें मारने से बचा ले। इसी मामले को लेकर जब पीड़ित पक्ष पुलिस थाना विजयनगर जा रहे थे तभी पीपली चौराहा पर आरोपियों ने उनके साथ जमकर मारपीट की जिसका घटनाक्रम सीसीटीवी फुटेज में भी मिल सकता है, या देखा जा सकता है। वही पीड़ित पक्ष का कहना है कि घटनाक्रम के दौरान खुद पुलिस कर्मियों ने पहुंचकर उन्हें छुड़ाया है। पीड़ित पक्ष का नाम महावीर प्रसाद शर्मा है। पीड़ित पक्ष ने अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर सरे आम बाजार में भागते हुए अरुण मिष्ठान भंडार के पास चल रहे निर्माण कार्य के स्थान में घुस गए। साथ ही पीड़ित पक्ष ने बताया है कि उक्त आरोपी आदतन अपराधिक प्रवृत्ति का है। धनंजय शर्मा ने विजयनगर थाने पहुंचकर लिखित रूप में रिपोर्ट पेश की जिस पर थाना अधिकारी करण सिंह खंगारोत ने सात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है, जिनमे नरेश पिता स्वर्गीय घिसा लाल शर्मा, जीतू पिता घिसा लाल शर्मा, विष्णु घीसालाल शर्मा, उमेश घिसालाल शर्मा, पुष्पा घिसा लाल शर्मा, द्वारका, लकी पुत्र द्वारका और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 143 341 323 307 आईपीसी में पंजीबद्ध किया जाकर अनुसंधान सुरेंद्र सिंह ए एस आई के जिम्मे सौंप दी। लेकिन पीड़ित पक्ष का कहना है कि पुलिस मामले को लेकर ढिलाई बरत रही है। पुलिस की कार्रवाई को देखकर पीड़ित पक्ष ने ब्यावर पहुंचकर एसपी से मुलाकात की और न्याय की गुहार लगाते हुए , जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने की भी मांग की। साथ ही पीड़ित परिवार का कहना है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो वह शीघ्र ही सामूहिक रूप से धरने पर बैठ कर न्याय के लिए अपनी आवाज बुलंद करेंगे। ऐसे में अब देखना होगा कि पीड़ित परिवार को स्थानीय पुलिस प्रशासन न्याय दिला पाती है या नहीं दिला पाएगी