बजरी पर रोक से दिहाड़ी मजदूर हुए बेरोजगार,जनता में आक्रोश

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प्रतिनिधि :अब्दुल रहमान राजस्थान अजमेर

राजस्थान सरकार के द्वारा लगाए गए पूर्णता खनन पर रोक से कमठाने पर काम करने वाले मजदूरों से लेकर कंस्ट्रक्शन से जुड़े हुए सभी लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। एच टी न्यूज़ इंडिया से बातचीत करते हुए मजदूरों ने अपनी व्यथा बयान करते हुए बताया है कि उनके लिए भरण पोषण का सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया है। व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि मजदूरी के लिए मजदूर घर से टिफिन लेकर मजदूरी के लिए निकलता तो है, लेकिन उसे मजदूरी मिले या ना मिले इसकी गारंटी नहीं, कि शाम को उसके घर का चूल्हा भी जल पाएगा या नहीं, काम थाने से जुड़ी हुई जनता बेबस और लाचार है,इसकी सबसे बड़ी वजह उन्होंने बताया है कि बजरी पूर्णत: बंद होने की वजह से भवन निर्माण के सभी कार्य बंद है। इससे जुड़े हुए पेंटर, कारपेंटर, लाइट फिटिंग, ईंट उद्योग ,सीमेंट से लेकर लोहे के सरिए सभी वर्ग मार झेल रहे हैं।जिसकी वजह से मजदूरों के सामने किसी पहाड़ टूटने से कम नहीं है। एक व्यक्ति ने अपनी स्थानीय लैंग्वेज में कहा है कि सबका साथ सबका विकास की बात करने वाले देश के प्रधानमंत्री ने सपने तो दिखाए हैं मगर देश के हालात यह हो गए हैं कि मजदूर वर्ग अपना भरण पोषण भी नहीं कर पा रहा है व्यक्ति का कहना है कि हाथ में जो काम था वह भी छिन गया है। लोगों का कहना है कि यदि राजस्थान सरकार ने बजरी खनन को लेकर जल्द फैसला नहीं किया गया तो मजदूर वर्ग वह इससे जुड़े हुए सभी वर्ग जल्द ही एकजुट होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे । लोगों का कहना है कि सरकार के द्वारा चलाया गया विशेष अभियान 15 दिन का बताया गया था लेकिन आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं। इस मामले को लेकर जब हमने इससे जुड़े हुए ट्रैक्टर चालकों से इस मामले के संदर्भ में उनकी वेदना जानना चाहा तो उन्होंने कहा है कि साहब अभी बजरी की बात मत कीजिए, इससे अच्छा है कि कहीं मजदूरी कर ले लेकिन वह भी तो नहीं मिल पा रही है जिससे घर में जलने वाले चूल्हे पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यह गाज़ सिर्फ छोटे साधन वाले पर ही गिरी है इसमें कोई बड़ा मच्छा नहीं ,छोटी मछलियों का ही शिकार हुआ है। याद रहे इसी मामले को लेकर दो दिन पूर्व में विधायक ने विधानसभा में भी उठाया था लोगों का कहना है कि जनता से जुड़े हुए विधायक ने जनता की वेदना को समझते हुए सरकार से माइनिंग पर विचार करने के भाव सामने रखे हैं लेकिन देखने की बात तो यह होगी कि राजस्थान की भजनलाल सरकार इस मामले को लेकर क्या निर्णय ले पाती है। इस मामले को लेकर जनता में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।जहां एक तरफ लोकसभा के चुनाव भी सामने हैं ऐसे में मजदूर वर्ग के सामने छाए संकट के बादलों से भी किनारा करना बेहद जरूरी है। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने इस मामले में यदि कोई कदम नहीं उठाया तो इसके परिणाम भी लोकसभा के चुनाव पर असर डाल कर वोट को को प्रभावित कर सकते हैं। लोग तंज कर रहे हैं कि अच्छे दिन आने वाले हैं।*

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