महारुषीओने जनकल्याण हेतू यज्ञ की परंपरा बरकरार रखी-संत महामंडलेश्वर ओमकारदास महाराज

धर्म

पारडसिंगा मे श्रीविष्णू महायज्ञ,श्रीराम कथा,राष्ट्रीय संत संमेलन

प्रातीनिधी:साजिद पठाण नागपुर

काटोल:श्री विष्णू महायज्ञ का महत्व हमारे वेदो मे है यज्ञ से वर्षा होती है, वर्षा से अन्न की उत्पत्ती होती है , वर्षा से पर्यावरण की व ध्वनी प्रदूषण की शुद्धी होती है जहा यज्ञ होता है ,पुरे क्षेत्र मे धन -धान्य ,सुख संपदा की समृद्धी होती है वह क्षेत्र रोगमुक्त व दोष मुक्त हो जाता है प्राचीन काल से महारुषीओने यज्ञ की परंपरा को चलाया है आज पंचांग पूंजन एंव अग्नी मंथन के माध्यम से यज्ञ प्रारंभ हुआ है इस यज्ञ से काटोल क्षेत्र चरण सिंग ठाकूर के अथक प्रयास से काटोल क्षेत्र की शांती श्री विष्णू महा यज्ञ से होंगी देशभर के संतो के सानिध्य में भक्तो द्वारा यज्ञ मे आहुती जो तन-मन धन से देंगा उसे सुख समृद्धी प्राप्त होगी्ऐ से विचार संत महामंडलेश्वर ओंकारदास महाराज मी व्यक्त किया काटोल क्षेत्र कल्याण व विश्व कल्याण हेतू, सती अनसूया माता जन्मोत्सव के उपलक्ष मे देशभर के संतो के सानिध्य मे श्री क्षेत्र सती अनसुया माता देवस्थान,पारडसिंगा मे संस्थान के अध्यक्ष चरण सिंग ठाकूर के नेतृत्व मे,काटोल वासियों के सहयोग से दिव्य विष्णू महायज्ञ एक मै से प्रारंभ हुआ l इस अवसर पर वे संबोधित कर रहे थे lसंस्थान के अध्यक्ष तथा आयोजक चरण सिंग ठाकूर और वंदना चरण सिंग ठाकूर ने श्री विष्णू महायज्ञ, श्रीराम कथा एंव राष्ट्रीय संत संमेलन का उद्घाटन पूजा पाठ करके किया इस अवसर पर देश के 94 संतो की, उपस्थिती, के साथ किशोर गाढवे,महेंद्र खंडाईत,मनीष सावल, रमेश सावल,वनिता रेवतकर, डॉक्टर संजय टावरी, जयेश भाई देसाई,माधवी देसाई,रोहित घोडे, पदमा परमाल,भूषण भोयर,चैतन्य भजन,हेमराज रेवतकर, व्यापारी संघ के मान्यवरो की उपस्थिती थी काटोल मे कलश यात्रा सरस्वती मंदिर काटोल से चरण सिंग ठाकूर और वंदना ठाकूर के नेतृत्व में,यज्ञ रक्षक महंत शिवदास महाराज,वनदेवी साधीका आश्रम तीन खेडा की साध्वी अर्पिता दीदी, देश के संतो के उपस्थिती मे कलश यात्रा बुधवार एक मै को सुबह सात बजे निकाली गई कलश यात्रा मे करीब 2000 महिलाए, सर पर कलश धारण किये काटोल शहर के मुख्य मार्ग से मे भ्रमण करती हुई , काटोलवासी को संत दर्शन से प्रसन्न एंव कृतार्थ हो कर अमूल्य लाभ प्राप्त हुआ काशी पीठाधीश्वर पातालपुरी मठ के महंत राम बालकदास महाराज की ओजस्वी वाणी से श्रीराम कथा श्रवण करणे का योग भक्तो को प्राप्त हुआ प्रयागराज के शंकराचार्य ज्योतिष पिठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज, काशी के डॉक्टर रामकमल दास वेदांती महाराज, रामराजेश्वराचार्य महाराज, वृंदावन के नाभाद्वाराचार्य श्रुतीष्ण देवाचार्य महाराज, विदिशा के विशंभर दास महाराज, भीलवाडा के लक्ष्मण दास महाराज, माधवपुर के ओमकारदास महाराज, जयपुर के सूरदास महाराज, जोधपुर के देवाचार्य महाराज, आखाडा के मोहनदास महाराज, ऋषिकेश के वृंदावन दास महाराज, बिकानेर के सुरजुदास महाराज, राजस्थान के पुरुषोत्तम दास महाराज, नरसिंह दास महाराज, गंगा दास महाराज, हिमाचल प्रदेश के राम मोहनदास महाराज, दिल्ली के दिनबंधुदास महाराज, नोएडा के जगदीश्वर दास महाराज, नवल किशोर दास महाराज, अन्य देशभर के संतो की उपस्थिती थी l

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