खाकी वर्दी में कौन है, जो गिरोह बनाकर, लूट के कारनामों को दे रहा है अंजाम

क्राइम

प्रतिनिधि:अब्दुल रहमान राजस्थान_9928450118

अजमेर:मामला अजमेर जिले के मसूदा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थाना विजयनगर का है, जहां अपराधी कानून को ठेंगा दिखाने के साथ ही कानून से निडर होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इस बात का अंदाजा गत माह गठित हुए घटनाक्रम को देखकर लगाया जा सकता है। पीड़िता सकीना बानो पत्नी फारुख खान पुत्र निजामुद्दीन निवासी केकड़ी हाल मुकाम चंदा कॉलोनी विजयनगर की ओर से लिखित शिकायत पेश कर कानूनी कार्यवाही की मांग की । शिकायत में लिखा है कि उनके पति के मोबाइल पर सुबह 9:00 बजे के करीब एक व्यक्ति जिसने मोबाइल नंबर 9460132 999 से कॉल कर पूछा गया कि तुम कहां हो, इस पर पीड़िता के पति ने कहा कि विजयनगर स्थित रेलवे स्टेशन के पास मोबाइल की दुकान पर हूं। इतने में थोड़ी देर में चार-पांच व्यक्ति तीन मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए जिनमें से एक मोटरसाइकिल हीरो होंडा डीलक्स जिस पर दो व्यक्ति पुलिस की वर्दी में थे,फारुख का आरोप है कि जिनमें से एक पुलिसकर्मी की वर्दी पर जितेंद्र नाम की नेम प्लेट लगी थी । उक्त व्यक्ति ने मुझे कहा कि तुम शंभू की दुकान पर शंभू के साथ चलो तुमसे वहां काम है। खाकी वर्दी के कहने पर पीड़िता के पति फारुख उक्त व्यक्ति के साथ चला गया। जहां पर अन्य व्यक्ति भी थे,जिन्हें मिलाकर पांच आदमी हो चुके ऊन्होंने पीड़िता के पति के साथ मारपीट करते हुए उन्हें बंधक बनाकर पैसे की मांग की, लगभग 2 घंटे बंधक बनाए रखने का आरोप लगाया। वही पीड़िता के पति फारुख ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उक्त व्यक्तियों ने उनसे एक लाख रुपए की मांग की , वही फारूक को दुकान में बंद कर दिया। साथ ही पीड़िता के पति ने बताया है कि उक्त व्यक्तियों ने उनसे₹21000 नकद लेने का आरोप लगाने के साथ ही बताया है कि 19 हजार रुपए उन्होंने फोन पै से सजाउद्दीन उस्ता के खाते में तीन बार करके डालें जिसमें एक बार ₹10000 तथा दूसरी बार₹5000 और तीसरी बार ₹4000 डालें,पीड़िता के पति के दोस्त सद्दाम हुसैन के फोन से डलवाए तब जाकर उन्हें वहां से छोड़ा गया। वहीं पीड़िता के पति फारूख ने आरोप लगाया है कि घटना के दौरान खाकी वर्दी में पहुंचे दो व्यक्तियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया गया। इस तरह के घटनाक्रम को देखते हुए सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर खाकी वर्दी में कौन थे जो गिरोह बनाकर लूट के कारनामों को अंजाम दे रहा है? कौन है इनमें शामिल जिनके आशीर्वाद से यह सब कुछ हो रहा है? मामले की जांच होना बेहद जरूरी है अन्यथा कानून व्यवस्था से जनता का विश्वास उठ जाएगा। उठते गंभीर सवाल का जवाब पुलिस प्रशासन को देना चाहिए? मामला कानून व्यवस्था पर उठते हुए सवालों का है,आरोपी के द्वारा लगाए गए आरोप की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। और पीड़ित पक्ष चाहे जो भी हो उसे कानून की नजर में इंसाफ मिलना ही चाहिए। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी, क्योंकि सवालों के घेरे में खाकी वर्दी भी है। उक्त मामले को लेकर एचटी न्यूज़ इंडिया प्रतिनिधि अब्दुल रहमान ने थाना अधिकारी करण सिंह खंगारोत से उनके फोन नंबर पर संपर्क कर मामले की जानकारी ली तो थाना अधिकारी खंगारोत ने पहले तो बताया था कि मामला झूठा है लेकिन जैसे ही मामले का हिंट दिया तो थाना अधिकारी ने बताया बताया है कि मामले की जांच चल रही है। बाद में कहा कि लूट की घटना हुई थी, जिसकी जांच चल रही है, थानाधिकारी के विरोधाभासी बयानों से लगता है कि मामला कुछ गंभीर है? जो कई तरह के सवाल पैदा करता है। सच्चाई सामने लाना बेहद जरूरी है, कि वास्तविक मामला क्या है, यह पुलिस की जिम्मेदारी भी है।वहीं आरोपी ने बताया है कि उनके द्वारा 9 में 2024 को थाने में कार्रवाई से संबंधित जानकारी के लिए पहुंचे तो उन्हें कुछ व्यक्तियों के द्वारा खाने के पीछे ले जाकर डराया धमकाया गया। जिस पर पीड़ित महिला के पति फारुख व पीड़िता दोनों ही थाने से बाहर चले आने पर मजबूर हुए।

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