शाहपुरा में फिर फेंका गया नवजात भ्रूण, इंसानियत शर्मसार

Mon 07-Jul-2025,12:37 AM IST -07:00
Beach Activities

प्रतिनिधि फिरोज खान राजस्थान

राजस्थान:शाहपुरा किसने छीनी एक मासूम की सांसें? शाहपुरा में फिर मिला नवजात भ्रूण, इंसानियत हुई शर्मसार!शाहपुरा, 7 जुलाई उम्मेद सागर रोड पर स्थित पानी की टंकी के सामने आज सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने न सिर्फ शाहपुरा शहर को झकझोर दिया बल्कि इंसानियत को भी कठघरे में खड़ा कर दिया। यहां सड़क किनारे एक नवजात शिशु का भ्रूण पड़ा मिला, जो करीब 8 से 9 महीने का बताया जा रहा है। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि शिशु का जन्म होने के तुरंत बाद ही उसे बेरहमी से यहां फेंक दिया गया। मासूम के शरीर पर जन्म के बाद की स्थिति साफ दिखाई दे रही थी, जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसे किसी ने जीने का मौका तक नहीं दिया। घटना की जानकारी मिलते ही शाहपुरा पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। सब इंस्पेक्टर पीतांबर, चौकी इंचार्ज बदन सिंह और बनवारी कुमावत सहित पुलिस बल ने घटनास्थल को घेरा और जांच प्रारंभकी। पुलिस ने भ्रूण को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि इस अमानवीय हरकत के पीछे कौन जिम्मेदार है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि शाहपुरा में यह इस तरह की दूसरी घटना है। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि क्या शाहपुरा मासूमों के लिए असुरक्षित शहर बनता जा रहा है? लगातार सामने आ रही ऐसी घटनाएं केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज की संवेदनहीनता और विफल होती पारिवारिक और नैतिक व्यवस्था का आईना हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है, लेकिन आमजन का गुस्सा और दुख सातवें आसमान पर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिर्फ जांच और पोस्टमार्टम से कुछ नहीं होगा, दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। यह घटना केवल एक मासूम की हत्या नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक व्यवस्था की मौत है। कानून को अब सिर्फ दस्तावेज़ी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, बल्कि यह तय करना चाहिए कि आने वाले समय में कोई मां मजबूरी, शर्म या सामाजिक भय के कारण अपने बच्चे को जन्म के तुरंत बाद सड़क पर फेंकने को विवश न हो। अब वक्त है कि समाज भी आंखें खोले, संवेदनाएं जिए और इस खौफनाक खामोशी के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाए।