मुरूमटोला से निंबा सड़क मरम्मत हेतु आंदोलन की तारीख व स्थान में बदलाव
प्रतिनिधी गुलशन बनोठे सालेकसा
सालेकसा -सालेकसा तहसील मुख्यालय को आवागमन के मुख्य प्रवाह से जोड़नेवाली मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र ऐसे तीनों राज्यों के लिए अति महत्वपूर्ण माने जानेवाली सालेकसा से गल्लाटोला मुख्य सड़क जिसमें मुरूमटोला से निंबा 3 कि.मी. तथा पिपरिया से गल्लाटोला 3 कि.मी. सड़क मरम्मत कराने हेतु गुणाराम मेहर ने दिनांक 21 नवंबर को प्रधानमंत्री सड़क योजना के उप-अभियंता सहित जिलाधीश तथा जिला पोलिस अधीक्षक गोंदिया से पत्र व्यवहार किया जिसमें चेतावनी दी गई थी कि 21 दिसंबर तक कोई कार्यवाही नहीं हुई तो 22 दिसंबर को गोंदिया स्थित प्रधानमंत्री सड़क योजना कार्यालय के समक्ष मुंडन आंदोलन किया जाएगा। लेकिन उक्त पत्र का संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग ने पिपरिया से गल्लाटोला सड़क की मरम्मत करवा दी और मा. कार्यकारी अभियंता ने पत्र क्र.1156/काआगो/प्रंगासयो/मराग्रासविस 2025 दिनांक 09 दिसंबर 2025 के माध्यम से अवगत कराया की मुरुमटोला से निंबा सड़क नवीनीकरण हेतु शासन में प्रस्तावित है, इसका फिलहाल आचार संहिता की वजह से मंजूर होना मुश्किल है परंतु 02/07/2025 के पत्र अनुसार उस सड़क की जी.प.सा.बा. गोंदिया द्वारा मरम्मत कराई जा सकती हैं क्योंकि यह सड़क ही जी.प.सा.बा की है.उक्त पत्र आधारित गुणाराम मेहर ने संबंधित विभाग सहित जिले के मुखिया जी.प. के अध्यक्ष लायकराम भेंडारकर को पत्र लिखकर अवगत कराया कि यदि 31 दिसंबर तक उक्त मांग पर कोई कार्यवाही नहीं होती तो वे सड़क पर स्थित निंबा नदी घाट पर मुंडन आंदोलन 01 जनवरी 2026 को करेंगे यदि इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होती तो दिनांक 10 जनवरी 2026 को वहीं दशक्रिया "पिंडदान" आंदोलन करेंगे और तब भी बात नहीं बनी तो 14 जनवरी 2026 को इस स्थान पर 14वीं गंगा पूजन का आंदोलन करेंगे और 15 जनवरी से उस स्थान पर सड़क के बीच-बीच पंडाल लगाकर रास्ता रोक कर ठिय्या आंदोलन करेंगे। इन सभी बातों का पत्र में उल्लेख किया गया है.
सालेकसा-गल्लाटोला यह सड़क मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के लिए ही महत्वपूर्ण न होकर भारत के उत्तरी भूभाग से आनेवाले हरियाणा,पंजाब,हिमाचल प्रदेश,उत्तर प्रदेश,झारखंड तथा बिहार जैसे राज्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है। दिनांक 30 जनवरी 2026 से कचारगढ़ धनेगांव में पांच दिवसीय मेला लगने वाला है और इस मेले में अपने आराध्य देवी-देवताओं के दर्शन करने आदिवासी भाई-बहन बड़ी की मात्रा में अपने चौपहीयां वाहनों से इसी सड़क से होकर आते जाते हैं. 5 दिनों तक इस सड़क से चलना मुश्किल हो जाता है. यदि 30 जनवरी के पूर्व इस सड़क की मरम्मत नहीं की गई तो मेले के पश्चात मुरूमटोला से निंबा ३ कि.मी. सड़क पैदल चलने योग्य भी नहीं रहेगी.