मानस मंदिर परिसर में गंदगी का अंबार, प्रशासन मौन

मुख्य संपादक नावेद पठाण
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वर्धा:वर्धा का बैचलर रोड स्थित मानस मंदिर परिसर इन दिनों गंदगी और अव्यवस्था का अड्डा बन चुका है। यह इलाका शहर के नामचीन डॉक्टरों, इंजीनियरों और नेताओं का आवासीय क्षेत्र होने के बावजूद प्रशासनिक लापरवाही का शिकार है। यहाँ कचरे के ढेर खुले में फैले पड़े हैं। बच्चों के डाइपर और पैड जैसे गंदे कचरे तक सड़क किनारे फेंके जा रहे हैं। यही कचरा आवारा गायें खाने पर मजबूर हैं।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह इलाका डंपिंग यार्ड नहीं है,फिरभी नगर परिषद की अनदेखी के चलते यहाँ रोजाना कचरा फेंका जाता है। इससे पूरे परिसर में बदबू और अस्वच्छता का माहौल बना हुआ है।एक गौ माता की मौत का ताजा उदाहरण कुछ दिन पूर्व इसी स्थान से एक बीमार गौ माता को पिंपल फार एनिमल्स करुणा आश्रम ले जाया गया था। जाँच में पता चला कि गाय ने कचरा खाने के कारण फूड पॉयजनिंग का शिकार होकर बीमारी पकड़ ली थी। इलाज के दौरान मात्र 24 घंटे में उसकी मौत हो गई। इस घटना ने नगर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।फिर उसी जगह गायें कचरा खाने को मजबूर सबसे चिंताजनक बात यह है कि आज भी उसी स्थान पर गायें कचरा खाने को मजबूर हैं। इससे स्पष्ट है कि प्रशासन ने पहले हुई घटना से कोई सबक नहीं लिया है। यदि यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में और भी गौ माताओं की जान खतरे में पड़ सकती है गौरक्षा दल की कड़ी नाराज़गी गौ रक्षा हिन्दू वल वर्धा के जिलाध्यक्ष किशोर सोनी ने इस गंभीर मुद्दे पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि 'शहर में डंपिंग यार्ड की उचित व्यवस्था न होने के कारण आवारा पशु गंदगी खा रहे हैं। प्रशासन की लापरवाही से गौ माता फूड पॉयजनिंग जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ रही हैं। अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।'उन्होंने शहर के पत्रकारों से भी अपील की है कि इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाकर प्रशासन को कुंभकर्णी नींद से जगाने में सहयोग करें।